
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब समाज कल्याण की योजनाओं को पारदर्शी, गड़बड़ी-मुक्त और डिजिटल बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का सहारा लेने जा रही है।
वृद्धावस्था पेंशन, छात्रवृत्ति, पारिवारिक लाभ, और सामूहिक विवाह जैसी योजनाएं अब होंगी हाई-टेक निगरानी में — ताकि फर्जी लाभार्थी आउट, और असल पात्र इन!
AI से होगी निगरानी: पारदर्शिता और जवाबदेही दोनों पक्की
समाज कल्याण विभाग ने ‘AI का समाज कल्याण की योजनाओं में उपयोग’ विषय पर एक कार्यशाला भी आयोजित की, जिसमें मंत्री असीम अरुण ने तकनीकी समाधानों पर चर्चा की।
AI अब डाटा की सत्यता जांचेगा, लाभार्थियों की पहचान करेगा, और गड़बड़ियों को तुरंत ट्रैक करेगा।
“जो हक़दार है, वही पायेगा योजना का लाभ — अब मशीन से होगी जांच।”
वन टाइम रजिस्ट्रेशन, नो रिपीट – छात्रवृत्ति में बड़ा बदलाव
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बार-बार पंजीकरण की झंझट खत्म
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मिलेगा वन टाइम रजिस्ट्रेशन नंबर
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छात्रवृत्ति योजना में होगी फास्ट ट्रैक प्रोसेसिंग
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AI से फर्जी रजिस्ट्रेशन होंगे बाहर
फर्जीवाड़ा होगा फेल: AI से बनेगी ‘स्कीम सीलिंग मशीन’
AI आधारित निगरानी तंत्र:
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फर्जी दस्तावेजों की रीयल टाइम वेरिफिकेशन करेगा
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लाभार्थियों के डेटा को क्रॉस-मैच करके गलत एंट्री को ब्लॉक करेगा
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हवाला, फर्जी खाते, डुप्लिकेट एंट्री — सब होंगे ट्रैक
पेपरलेस शासन: तकनीक से तेज़, ट्रांसपेरेंट और ट्रेसएबल
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प्रशासनिक प्रक्रिया होगी पेपरलेस और डिजिटल

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सभी योजनाओं की ऑनलाइन मॉनिटरिंग
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तेजी से डिस्बर्समेंट, कम शिकायतें
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डाटा एनालिटिक्स से योजनाओं की सफलता का मूल्यांकन
सीएम योगी का फोकस: अंतिम पंक्ति तक पहुंचे योजना का लाभ
सीएम योगी आदित्यनाथ का साफ़ निर्देश है –“जनकल्याणकारी योजनाओं का फायदा उस व्यक्ति तक पहुंचे, जो हक़दार है, न कि किसी बिचौलिए या फर्जी दस्तावेज़ वाले को।”
AI इस दिशा में सरकार का डिजिटल हथियार बन कर सामने आ रहा है।
“अब भैया, मशीन से पेंशन मांगी जाएगी!”
अब तो हालत कुछ यूं होगी:
“आवेदन करने गया था पेंशन के लिए, मशीन बोली — तेरे आधार से तो तू पहले ही लॉटरी जीत चुका है!”
यानि अब भाई-भतीजावाद नहीं, AIवाद चलेगा।
AI+योजना = जनता को सच्चा लाभ
योगी सरकार की यह पहल समाज कल्याण को नई पारदर्शिता, नई सटीकता और नई स्पीड देगी। आने वाले समय में UP समाज कल्याण के क्षेत्र में AI Powered मॉडल स्टेट बन सकता है।
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